Tuesday, June 6, 2023

मैच के दौरान अर्शदीप सिंह की मां क्यो अपने बेटे को गेंदबाजी करते नही चाहती देखना अखिर ऐसी क्या हैं खास वज़ह

(नई दिल्ली):  अर्शदीप सिंह के लिए पिछले कुछ महीने काफी कठिन साबित हुए हैं। अगर अपको पता हो, तो टी20 एशिया कप के दौरान उन्होंने आसिफ अली का कैच छोड़ दिया था। इसके बाद आसिफ ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान को जीत दिलाई। इस हार के बाद फैंस अर्शदीप को ट्रोल करने लगे थे और उन्हें खालिस्तानी तक कहा गया। लेकिन 23 साल के इस युवा ने तेज गेंदबाज कर इन सबको पीछे छोड़ते हुए अपने पहले वर्ल्ड कप को यादगार बनाया।

पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 4 ओवर में 32 रन देकर 3 विकेट झटके। इसमें दुनिया के टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान और धाकड़ बाबर आजम का विकेट भी शामिल है। उन्होंने टीम इंडिया की जीत में अहम रोल निभाया।

अर्शदीप सिंह के माता-पिता होते हैं खुश

अर्शदीप सिंह के बेहतरीन प्रदर्शन पर उनके माता-पिता काफी उत्साहित हैं और खासकर उनकी मां। उनकी मां का नाम बलजीत कौर हैं। बलजीत कौर अपने बेटे को गेंदबाजी करते हुए कम ही देखती हैं।

अर्शदीप सिंह की मां ने बताया कि यह तब से शुरू हुआ, जब से वह भारत के लिए खेलने लगा। मैच के दौरान या तो वे गुरुद्वारे में रहती हैं या गुरुनानक देव के सामने पूजा करती रहती हैं। बलजीत कौर ने कहा, कि‘यह तब से शुरू हुआ, जब वह पहली बार भारत के लिए खेला। वह हमेशा सबसे कठिन ओवर फेंकता है। मैं खेल के बारे में अधिक नहीं जानती, लेकिन मैं बल्लेबाजों को उसके खिलाफ रन बनाते हुए नहीं देख सकती।’

अर्शदीप के माता-पिता को होता हैं दुख

अर्शदीप के माता-पिता को तब दुख होता है, जब खराब खेल के कारण सोशल मीडिया पर अर्शदीप सिंह का मजाक बनाया जाता है। पिता दर्शन सिंह ने कहा कि मैं इसे अनदेखा करने की कोशिश करता हूं, लेकिन वह इसे दिल से लेती है। अगर इंटरनेट पर खराब बात लिखी जाती है, तो वह रोएगी। मैंने उसे कई बार कहा है, आप इसे रोक नहीं सकते।

आप सभी को मालूम हो कि मैच में पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 159 रन बनाए थे। जवाब में टीम इंडिया ने लक्ष्य को अंतिम गेंद पर हासिल कर लिया था।

टी20 हैं बल्लेबाजों का खेल

अर्शदीप के पिता ने कहा कि टी20 बल्लेबाजों का खेल है। यह हमेशा से रहा है, मैं खुद एक गेंदबाज हूं। हर दिन कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता। एक खराब दिन भी आता है। उन्होंने कहा कि बड़े होकर अर्शदीप को प्रेरणा के लिए कहीं और देखने की जरूरत नहीं पड़ी। उसने मुझसे तेज गेंदबाजी की बारिकी सीखी। दर्शन अब भी अपने बेटे को मजाक में कहते हैं कि वह एक बेहतर गेंदबाज हैं। उन्होंने कहा कि अब भी मैं कॉर्पोरेट क्रिकेट खेलता हूं और मेरी इकोनॉमी 6 से कम की है।

 

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